Monday, 2 April 2012

शिव जी की आरती (Aarti of Lord Shiva ) (Prayer To Lord Shiva)


जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा । Jai Shiv Omkaara, Om Jai Shiva Omkara,
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥ Bramha, Vishnu, Sadashiv, Ardhangi Dhaara.
ॐ जय शिव ओंकारा Om Jai Shiv Omkara

एकानन चतुरानन पंचानन राजे । Ekaanan Chaturaanan Panchaanan Raje,
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे ॥ Hansaanan Garudaasan Vrishvaahan Saaje.
ॐ जय शिव ओंकारा Om Jai Shiv Omkara

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे । Do Bhuj Chaar Chaturbhuj Dasamukh Ati Sohe,
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे ॥ Trigun Rup Nirakhate Tribhuvan Jan Mohe.
ॐ जय शिव ओंकारा Om Jai Shiv Omkara

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी । Akshamaala Vanamaala Mundamaala Dhaari,
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी ॥ Tripuraari Kansaari Kar Maala Dhaari
ॐ जय शिव ओंकारा Om Jai Shiv Omkara

श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे । Shvetambar Pitambar Baaghambar Ange,
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ Sanakaadik Garunaadik Bhutaadik Sange.
ॐ जय शिव ओंकारा Om Jai Shiv Omkara

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूलधारी । Kar Ke Madhy Kamandalu Charka Trishuladhaari,
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी ॥ Sukhakaari Dukhahaari Jagapaalan Kaari.
ॐ जय शिव ओंकारा Om Jai Shiv Omkara

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका । Bramha Vishnu Sadaashiv Jaanat Aviveka,
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका ॥ Pranavaakshar Mein Shobhit Ye Tino Ekaa.
ॐ जय शिव ओंकारा Om Jai Shiv Omkara

लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा । Lakshmi Va Saavitri Paarvati Sangaa,
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा ॥ Paarvati Ardhaangi, Shivalahari Gangaa
ॐ जय शिव ओंकारा Om Jai Shiv Omkaara

पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा । Parvat Sohe Parvati, Shankar Kailasa,
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा ॥ Bhang Dhatur Ka Bhojan, Bhasmi Mein Vaasa.
ॐ जय शिव ओंकारा Om Jai Shiv Omkaara

जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला । Jataa Me Gang Bahat Hai, Gal Mundan Maala,
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला ॥ Shesh Naag Lipataavat, Odhat Mrugachaala.
ॐ जय शिव ओंकारा Om Jai Shiv Omkaara

काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी । Kashi Me Viraaje Vishvanaath, Nandi Bramhchaari,
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी ॥ Nit Uthh Darshan Paavat, Mahimaa Ati Bhaari.
ॐ जय शिव ओंकारा Om Jai Shiv Omkaara

त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे । Trigunasvamiji Ki Aarti Jo Koi Nar Gave,
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे ॥ Kahat Shivanand Svami Sukh Sampati Pave.
ॐ जय शिव ओंकारा Om Jai Shiv Omkaara

No comments:

Post a Comment